Vrukshavalli Amha by Sant Tukaram- Hindi Translation

मराठी संतश्रेष्ठ तुकाराम महाराजजी के “वृक्षवल्ली आम्हा सोयरी वनचरे” इस अभंग का हिंदीमें भाषांतर/ अनुवाद। महाराष्ट्रके संतोंकी वाणी व्यापक स्तरपर पहुँचानेका मेरा एक प्रयास। वृक्ष वल्ली आम्हां सोयरीं वनचरें । पक्षी ही सुस्वरें आळविती ।। यह पेड़ लताएँ (बेल) और वनमें रहने वाले प्राणी (हमें) बहुत प्रिय हैं पंछी भी बहुत मिठे सुरोंमें कूजन कर…