तकदीर

ये कैसा मज़ाक है तकदीर का मैं कही मेरा दिल कहीं .. ईन आँखोंसे हुवे है जख्म जो छुपते नही भर जाते भी नही .. न जाने कैसे ये भूल हुई मेरी दुनिया कहीं तेरा हुस्न कहीं यह बला है या तूफ़ान तिनके तिनके कर के कई दिल जो अपने पीछे छोड़ आई .. लोग…