पिछले कुछ सालोंसे हाथ मैं डफ़ली लेकर ख़ुदको ग़रीबोंका मसीहा बताने वाले लोगोंका बड़ा जथ्था सड़कोंपर दिखाई देने लगा है। यह सालोसाल छात्र बने रहते हैं, नागरिकोंके टैक्स पर नागरिकोंको भड़काते हैं। इन्हे ना हिन्दू से प्यार है ना हिंदुस्तान से लगाव। अपने मिथ्या स्वार्थ के लिए गरीबी को इस्तेमाल करते हैं , गुंडागर्दी करते…
Category: Poetry
Poems
कुछ शेर
किसे पर्वाह है तेरी ऐ मजलूम ए जमाना हर कोई ख़ुदा बननेकी कश्मकशमें है _____ उठा लो कभी अपने ख़यालोंसे भी पर्दा यह ना हो के पर्दा गिरे तो तनहा हो जाओ _____ ना हुवे जख़्मको इतना भी ना सहलाओ के जब लहू बहेगा सारे जा चुके होंगे _____ तेरी ना सुनने की आदत जाती…
उठल्या लहरी काही
उठल्या लहरी काही, गेले धुवून सारे उरल्या खुणा, कधी न पुसण्याजोग्या स्वच्छ निर्मळ, पाण्यासारखा नागवा आणि व्याख्या, दृष्ट न लागण्याजोग्या त्वचेला झाकले हसून, तरी दिसतात खोल जखमा, कधी न झाकण्याजोग्या विसरलो सारे, क्षण, वाटा आणि वळणे प्रत्येक त्या जागा, निवांत बसण्याजोग्या आता विस्तीर्ण मोकळे, आभाळ एकटे हरवल्या उमेदी, पंखांत भरण्याजोग्या उरे आभासी जगातले, आभासी जगणे…
मुझे याद करना
मुझे याद करना, तूफ़ानके गुजर जाने के बाद वैसेही नहीं रहते, हालात सुधर जाने के बाद तुझे लगा होगा, के नाराज़ हो जाऊँगा तुझसे मैंने छोडी थी उम्मीद, तेरे मुकर जाने के बाद कितने बदलते हैं चेहरे, इंसान भी बदलते हैं बदलते हैं मानें, इधर से उधर जाने के बाद पर निकल आए तो, नशेमन…
जिम्मेदारी
मैं जानता हूँ मेरे अल्फाजके कोई मायने नहीं है बस के खुदाने शायर बना दिया है जिम्मेदारी है आफताब नहीं हूँ पर चिंगारी तो बन चुका हूँ मैं कभी जलना है तो कभी जलाना है जिम्मेदारी है हर पेड़ जानता है अपनी औक़ात ए आशियाना बस के लोग बारिशमें पनाह लेते हैं जिम्मेदारी है जहन्नुमसे…
शहरोंमें मरकर जीने वाले
शहरोंमें मरकर जीने वाले तुने देखा ही क्या? जिंदगीका मातम करने वाली रुदालियॉं देख तुझे क्या पता न हुवे जुल्म़पे रोनेकी लज्जत? बस तेरी मेहनतपे जलनेवालोंकी गालीयॉं देख शहरमें कहाँ है मुशक्कत आसान है सबकुछ मुश्क़िलोंपे रोनेवालोँ को मिली तालीयाँ देख हर शाख पे उल्लू बैठा हो यह जरूरी तो नहीं दूसरी को सब्ज़ होते…
Whenever I Try To Walk
Every time I try to walk I hit another roadblock There is always a new wall And a sergeant holding a clock I obey the orders I go till the end crawling Then I try to stand Cause I am not afraid of falling In the end, I manage to stand With muddy bruised hands…
The destructing clouds .. I know you can’t
The destructing clouds Don’t bother me anymore For I am neither a tree Nor a ship tied on a shore Do not thunder in vain If you think I fear the death I fear the creator on whom I’ve laid down my faith I’ve lit the fire within that The sun of truth will glare…
The Truth
True colors never fade They find some way To come to the skin When the truth sees the day I am not a preacher Neither I am a saint Carrying torch I will Speak the truth when I may Never for moment Have this doubt my foe Lies die quick but The truth follows eternal…
त्यासी भीती गा कशाची
पांडुरंग हो पाठीराखा रखुमाई माय जयाची त्यासी भीती गा कशाची त्यासी भीती गा कशाची आम्हा ना ठावे गाव कूळ ना हो विषयाची जाण सत्य वाणी हो जयाची त्यासी भीती गा कशाची वस्त्रात होई नागवा त्याने द्यावे हो लांछन जो धरे कास धर्माची त्यासी भीती गा कशाची जाळोनि का सुवर्णे जाते तेज हो जळून अणुरेणू साक्ष…